देख लहरता है तीन रंगा
कोई ना लेना हमसे पंगा
द्वंस करेगा चक्र सुदर्शन
एक जगह जो होगा दंगा
लाल है सरहद पर, दो आंखे
रंग हरा रखता मन चंगा
पंख सफेदीके फेलाएं
आज सभी देशोके संगा
अंत समय आया आतंकी
सत्य समझलो है ये नंगा
कोई ना लेना हमसे पंगा
द्वंस करेगा चक्र सुदर्शन
एक जगह जो होगा दंगा
लाल है सरहद पर, दो आंखे
रंग हरा रखता मन चंगा
पंख सफेदीके फेलाएं
आज सभी देशोके संगा
अंत समय आया आतंकी
सत्य समझलो है ये नंगा
1 comment:
hello sir, what a fantastic poem on our tricolor.
dr m s ali
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