18.2.11

अब तो अपनीभी कुछ सुनाया करो
शम्मा दिलकी सनम जलाया करो

गर खुदाई कहीं ना पाओ तो
युंही बस मैकदेमें आया करो

सुन ना पाये सादा जो वो अपनी
उसकी तस्वीरको बुलाया करो

कर सको याद तो करना हमको
वरना हर मोड़ पे भुलाया करो

कब्र पे मेरी, ए मेरे हमदम
सुखे पत्ते सही चढाया करो

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