अब एक ही तमन्ना
कि मर न जाए अन्ना
मीठी छुरी सजाई
लाठी है उसकी गन्ना
बरसोंसे की लिखाई
ये आखरी है पन्ना
क्युं ग़ुम हुए सितारे
दिखता न खान-खन्ना
बेचें न देश कोई
रहेना है अब चौकन्ना
कि मर न जाए अन्ना
मीठी छुरी सजाई
लाठी है उसकी गन्ना
बरसोंसे की लिखाई
ये आखरी है पन्ना
क्युं ग़ुम हुए सितारे
दिखता न खान-खन्ना
बेचें न देश कोई
रहेना है अब चौकन्ना