अब एक ही तमन्ना
कि मर न जाए अन्ना
मीठी छुरी सजाई
लाठी है उसकी गन्ना
बरसोंसे की लिखाई
ये आखरी है पन्ना
क्युं ग़ुम हुए सितारे
दिखता न खान-खन्ना
बेचें न देश कोई
रहेना है अब चौकन्ना
कि मर न जाए अन्ना
मीठी छुरी सजाई
लाठी है उसकी गन्ना
बरसोंसे की लिखाई
ये आखरी है पन्ना
क्युं ग़ुम हुए सितारे
दिखता न खान-खन्ना
बेचें न देश कोई
रहेना है अब चौकन्ना
2 comments:
ghana vakhte tamara blog upar time malyo, ane ghana vakhte hindi rachana pan gami... amar mankad
really good one!!!!!!!!!!!
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