4.12.10

मुस्कुरा दो, जिंदगी हम जी लेंगे
रुठ जाओ गर जहर भी पी लेंगे

हूस्नका तेरे, गवाह सारा जहां
गर जरूरत हो, खुदा को भी लेंगे

पांव चाहे लडखडाए, हम मगर
जाम तेरे हाथ ही, साकी लेंगे

ना गवारां हो, हमारा बोलना
होंठ ये लबसे तुम्हारे, सी लेंगे

आखरी लम्होमें शायद हो ना हो
नाम जब लेंगे तुम्हारा ही लेंगे


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