23.10.07


न मंदिर , न गिरजा , अझां में मिलेगा
बताउं खुदा कीस जगा में मिलेगा

बिछायी चरागे चमन उनके खातीर
मगर वो तो बुझती शमामे मिलेगा

युं शोरो शराबो में ढूंढोगे कबतक
तडपती हुइ ग़ुमशुदा में मिलेगा

बहारों का दामन कहां उसने थामा
खिले आंसु जीन जीन फ़ीझांमे मिलेगा

कबर में गया तुं , धूंआ भी हुआ तुं
जरा गौर कर, दिल जहां में मिलेगा

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