मोहब्बत गिला है, गिला ही सही
बुरा है ज़माना बुरा ही सही
उठा हाथ अपने मेरे चारागर
दवा ना चली तो दुआ ही सही
नज़र मे रहो इतना काफी सनम
हो आगोशमें, या जुदा ही सही
समंदर ना चाहुं ना मोती कोइ
थमादे मुज़े बुदबुदा ही सही
न था मैकदा तो ये मस्जीद सही
पीउं-मिलके बैठुं-खुदाही सही
बुरा है ज़माना बुरा ही सही
उठा हाथ अपने मेरे चारागर
दवा ना चली तो दुआ ही सही
नज़र मे रहो इतना काफी सनम
हो आगोशमें, या जुदा ही सही
समंदर ना चाहुं ना मोती कोइ
थमादे मुज़े बुदबुदा ही सही
न था मैकदा तो ये मस्जीद सही
पीउं-मिलके बैठुं-खुदाही सही
1 comment:
makta- aflatoon !! khuda hi sahi !! bahot khoob!!!
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