27.9.10

कुछ लम्हे सीमट लुं मेरी बाहोंमे युं लगे
और गुझरे जिंदगी इन्ही ख्वाबों मे युं लगे

मुमकीन ही नही आपसे मीलना तो रूबरू
खो जाए कातिलाना अदाओंमे युं लगे

ग़मसे है भरा दरिया वो मस्तीकी आड़में
पीता है आंसुओंको पयालोमें युं लगे

सांसोको ईजा़झत नही मिलती है आजकल
छोटासा आशियां हो सितारोंमे युं लगे

मिलता है सुकूं झन्नते मंझिलका, कब्रमें
कर डाली कितनी देर थी, राहोंमे युं लगे

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