1.12.08



AAAKROSHHH


जला कर देशको, वो चल दीये
थमाये हाथमे, हमने दीये !!

बहुत अच्छे रहें हम मोम से
पिघलते जा रहे हम किस लीये ?

सियासत घोंटता है ये गला
दबाये नाक वो, कैसे जीये

यही तो वक़्त है, दे दे सिला
हरेक करतबका, जो उसने कीये

बहुत सजदे कीये, मांगी दुआ
पुकारा दर बदर, कुछ कीजीये

हमी है अब खुदा, इश्वर हमी
करे अब जो भी हम, वो देखीये

बुझा दो मोम की सब बत्तीयां
मशाले हाथमे लहराईये

तिरंगा गाडके उनके सीरे
वतन की शानको दहोराईये

No comments: