12.12.08


सब्र कर
तुं और थोडा सब्र कर
भुल जायेंगे सभी, जो वाक़या था, सब्र कर
सब्र कर
तुं सब्र कर
जो शहीदीको वरे उनको मिला क्या पूछ मत
धुंधली फोटो, दिलासा खोखला, तुं सब्र कर

बस्तीयां उझडे सभी,या खुनकी गंगा वहे
कश्तीयां चलती रहे उनकी सदा, तुं सब्र कर

सो चुहेको मारकर, हजको चली सब बिल्लीयां
बिल्लीयोंका हज है दिल्लीवालीयां, तुं सब्र कर

ये नमी आंखे सभीकी मांगती है , कुछ करो
मांगली माफी तभी आवामने, तुं सब्र कर

वक़्त बहेता जा रहा है, सर खुजालोगें युंही
गोलीयां फीरसे चलेगी, सब्र कर तुं सब्र कर

अब चलो बाहें कसो,मजबुरीयां को थूंक दो
जो करो वो ठोसही करना अभी ना सब्र कर
ना सब्र कर
ना सब्र कर

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