4.6.11

हम भी कुछ कम नही दवाओ से
ज़ख्म भरदुं तेरे दुआओ से

चूं कि छुना हमे तुजे हरदम
दोस्ताना कीया हवाओं से

चल दीये यारकी गलीसे, फीर
में गुझरता नहीं फीझांओ से

रात भर करवटे बदलतें रहे
पुछ लो, जल चुकी शमाओ से

तुजसे पाना, मेरी तमन्ना थी
बेवफाई सही, वफाओ से

कब्रकी ओर चल दीये यारों
अब निपटना है बस खुदाओं से

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