इंडो पाक अभियान
शान-ऐ-अमन
सरहदकी दोनो और चहकता चमन रहे
बंदा हर एक चाहता, चैनो अमन रहे
आदाब एक हाथ से, या दो से नमस्ते
दिलमे जरुरी खास, खयाले नमन रहे
भंवरे तो गुनगुनायेंगे, आदत ही डाल दो
मक़सद यही रहे की सलामत सुमन रहे
जीना है सिर्फ सात ही सूरमें ओ हमनशीं
गानेमें चाहे ’मांलकौंस’ या ’यमन’ रहे
हूनर हो चाहे कोई भी, परवा ही क्युं करे
लगना गले ही एक दुसरेका फन रहे
2 comments:
swatatrata divas na samaye Aa kavita no amal manav kare to saru.
यह अमन का पैगाम बहुत प्यारा है । थोडा दीर्घ और -हस्व का ख्याल रखें । जैसे हुनर होना चाहिये और सुर होना चाहिये । इतनी सुंदर रचना का मज़ा किरकिरा हो जाता है कृपया अन्यथा न लें ।
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