22.5.12

दुश्मने जाने जिगरको जान लो
दोस्तोंकी भीडमें पहेचान लो

दर्दो ग़म, गर बांटना चाहो नहीं
एक चुटकी हमसे ही मुस्कान लो

आज पंगा आयनेसे जो लिया
हो गये हम सौ गुना बेजान, लो

कोई ना जाने ख़ुदा क्या चीझ है
कोई तो वो ढूंढनेकी ठान लो..!!

दिल जलोंका दिल कभी मिलता नहीं
खाक़ मेरी चाहे जीतनी छान लो

No comments: