29.7.12

आदमी को आदमीसे बचके रहेना चाहिए
पीठ में खंजर चला दे, फिरभी सहेना चाहिए

कब तलक ये लब तेरे खामोशिया पीते रहे
जो भी कहेना हे उसीके दर पे कहेना चाहिए

ये रईसोंकी हे महेफिल और में बेबाक दिल
आँख दोनोमे चमकता कुछ्तो गहेना चाहिए

थम गया सब कुछ मेरे अन्दर तेरे जाने के बाद
अब लहुका रंग पाने, कुछ्तो बहेना चाहिए

में तेरे सायेमे ही पलता रहाथा उम्रभर
आखरी मंज़िल कफन तो खुदका पहेना चाहिए

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