घुटके मरनेकी हमे आदत नहीं
सांस लेनेसे हमे फुरसत नहीं
ख्वाबमें खुशीयां बटोरी इस कदर
अब हमे कोई, कहीं हसरत नहीं
शेर पे एक दाद जो उनकी मीली
वो किसीभी जाममे लज्जत नहीं
जीस गलीमें आपकी खिडकी न हो
पांव रखना भी मेरी फितरत नहीं
खुदको कांधे पर उठाके ले चलुं
क्या करूं ऐसी मेरी किस्मत नहीं
सांस लेनेसे हमे फुरसत नहीं
ख्वाबमें खुशीयां बटोरी इस कदर
अब हमे कोई, कहीं हसरत नहीं
शेर पे एक दाद जो उनकी मीली
वो किसीभी जाममे लज्जत नहीं
जीस गलीमें आपकी खिडकी न हो
पांव रखना भी मेरी फितरत नहीं
खुदको कांधे पर उठाके ले चलुं
क्या करूं ऐसी मेरी किस्मत नहीं
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