14.2.12

पेशानीयों पे सलवटे
पुछो ना कैसे पल कटे

सांसोका कारवां चला
वो सुन सके न आहटे

ना ये पता चला कि कब
मासूमियतसे वो हटे

नींदे चुराई आपने
हमने निभाई करवटें

अश्कोंमें हो गई सुलह
दोनो ही आंखमें बटे
डो. नानावटी

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